Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway: नागपुर-गोवा शक्तिपीठ एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू होने वाला है. यह एक्सप्रेसवे महाराष्ट्र सरकार की एक बड़ी परियोजना है जो नागपुर और गोवा को जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा है. इस एक्सप्रेसवे का मुख्य उद्देश्य तीर्थयात्रियों और पर्यटकों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करना है. साथ ही, यह क्षेत्र के आर्थिक विकास में भी योगदान देगा. आइए जानते हैं इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से.

Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway का रूट:
Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway नागपुर से शुरू होकर गोवा तक जाएगा और इसकी कुल लंबाई 760 किलोमीटर होगी. इस रूट पर कई महत्वपूर्ण शहर और तीर्थस्थल आएंगे जैसे वर्धा, यवतमाल, कोल्हापुर और रत्नागिरी. यह एक्सप्रेसवे शक्ति पीठों को जोड़ने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को यात्रा में सहूलियत हो.
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ग्रीनफील्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल:
Nagpur-Goa Shaktipeeth Expressway का निर्माण ग्रीनफील्ड टेक्नोलॉजी के आधार पर किया जाएगा. इसका मतलब है कि इसे पूरी तरह से नए मार्ग पर बनाया जाएगा ताकि यातायात सुगम हो और समय की बचत हो सके. इसके किनारों पर हरियाली बढ़ाने के लिए हजारों पेड़ लगाए जाएंगे और सोलर एनर्जी का उपयोग किया जाएगा जिससे इसे पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सके.
यातायात की सुविधा:
यह एक्सप्रेसवे चार लेन का होगा जिसे भविष्य में छह लेन तक बढ़ाया जा सकेगा. इसमें तेज गति वाले वाहनों के लिए अलग लेन होगी. इसके अलावा, रेस्ट एरिया, फूड कोर्ट, पेट्रोल पंप और टोल प्लाजा जैसी सुविधाएं भी दी जाएंगी ताकि यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी न हो.
प्रोजेक्ट की लागत और निर्माण प्रक्रिया:
इस एक्सप्रेसवे के निर्माण पर लगभग 45,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. इसका निर्माण तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. पहले चरण में भूमि अधिग्रहण और सर्वेक्षण का काम होगा. दूसरे चरण में सड़क निर्माण शुरू होगा जिसमें पुल, अंडरपास और फ्लाईओवर बनाए जाएंगे. तीसरे चरण में सोलर लाइटिंग और हरियाली का काम पूरा किया जाएगा.
क्षेत्रीय विकास पर प्रभाव:
इस एक्सप्रेसवे के बनने से नागपुर और गोवा के बीच यात्रा काफी आसान हो जाएगी. इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा क्योंकि गोवा एक प्रमुख पर्यटक स्थल है. इसके अलावा, स्थानीय व्यापार को भी फायदा होगा क्योंकि माल परिवहन तेज और सस्ता हो जाएगा. साथ ही, इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा.
पर्यावरण संरक्षण पर जोर:
इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया गया है. सोलर पैनल्स का उपयोग करके बिजली की खपत कम की जाएगी. पेड़ों की कटाई को न्यूनतम रखा जाएगा और जितने पेड़ काटे