Rapid Rail Transit System: दिल्ली और मेरठ के बीच सफर को आसान और तेज बनाने के लिए रैपिड रेल ट्रांजिट सिस्टम (RRTS) का निर्माण तेजी से चल रहा है. यह परियोजना न केवल यात्रा के समय को घटाएगी बल्कि पर्यावरण के अनुकूल भी होगी. 82 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर नमो भारत ट्रेन दौड़ेगी, जो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगी. आइए जानते हैं इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से…

82 किलोमीटर लंबा रूट
दिल्ली-मेरठ RRTS कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है. यह रूट सराय काले खां से शुरू होकर मेरठ तक जाएगा. इस रूट पर कुल 25 स्टेशन बनाए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ स्टेशन भूमिगत और कुछ एलिवेटेड होंगे. यह परियोजना दिल्ली, गाजियाबाद और मेरठ को जोड़ते हुए लाखों यात्रियों को फायदा पहुंचाएगी.
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नमो भारत ट्रेन की विशेषताएं
नमो भारत ट्रेन इस कॉरिडोर पर चलने वाली हाई-स्पीड ट्रेन होगी. इसकी टॉप स्पीड 180 किमी/घंटा होगी, जिससे दिल्ली से मेरठ का सफर मात्र 55 मिनट में पूरा हो सकेगा. यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होगी और इसमें वाई-फाई, चार्जिंग पॉइंट्स और आरामदायक सीट्स जैसी आधुनिक सुविधाएं दी जाएंगी.
पर्यावरण के अनुकूल परियोजना
RRTS परियोजना को पर्यावरण के अनुकूल तरीके से डिजाइन किया गया है. इसमें ऊर्जा की बचत के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाएगा. साथ ही, इलेक्ट्रिक ट्रेनों के संचालन से प्रदूषण में कमी आएगी, जिससे यह परियोजना हरित परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है.
लागत और समय सीमा
इस परियोजना की कुल लागत लगभग ₹30,000 करोड़ है. निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और इसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. पहले चरण में सराय काले खां से दुहाई तक का रूट चालू किया जाएगा, जबकि पूरा कॉरिडोर 2025 तक जनता के लिए खोल दिया जाएगा.
यात्रियों को होने वाले फायदे
दिल्ली-मेरठ RRTS यात्रियों को तेज, सुरक्षित और आरामदायक यात्रा का अनुभव देगा. इससे सड़क यातायात का दबाव कम होगा और समय की बचत होगी. इसके अलावा, यह परियोजना क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देगी और रोजगार के नए अवसर पैदा करेगी.